Monday, October 11, 2010

और ज्यादा

देना ना दोस्तों मुझे आवाज और ज्यादा
खो जाऊंगा मै भीड़ में घबरा के और ज्यादा
रख ले बचा के आंसू रोना है और भी
क्यों की मुझे होना है बर्बाद और ज्यादा
मौका है आज उड़ ले, कल फिर ये परिंदे
तू रह नहीं सकेगा आजाद और ज्यादा
मुद्दत के बाद मै मिला उससे  क्या सोच के
पर भड़के हुए थे उसके अंदाज़ और ज्यादा
बहका हुआ हू मै जो मेरा कसूर क्या है
साकी ने डाल दी थी शराब और ज्यादा

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